रणजी ट्रॉफी 2024-25 के टॉप 5 उभरते गेंदबाज़: इन युवाओं ने मचाई धूम, IPL टीमें भी हो गईं सतर्क!
भारत की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता — रणजी ट्रॉफी 2024-25 — इस बार सिर्फ़ पुराने सितारों की चमक से नहीं, बल्कि नए गेंदबाज़ों के जबरदस्त प्रदर्शन से जगमगा रही है।
इस सीज़न में कई युवा खिलाड़ियों ने अपनी गेंदबाज़ी से ना सिर्फ़ मैच पलटे, बल्कि साबित किया कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य बेहद उज्जवल है।
अनशुल कांबोज, हर्ष दुबे, सूरज सिंधु जैस्वाल, महेश पिठिया और सिद्धार्थ देसाई — ये वो नाम हैं जो इस सीज़न के बाद हर क्रिकेटप्रेमी की ज़ुबान पर हैं।
आइए जानते हैं विस्तार से इन पांच उभरते सितारों के शानदार प्रदर्शन और उनकी कहानी 👇
1. अनशुल कांबोज (हरियाणा) — एक पारी में 10 विकेट, सबको किया हैरान
हरियाणा के अनशुल कांबोज ने केरला के खिलाफ जो कमाल किया, वह भारतीय घरेलू क्रिकेट में सालों तक याद रखा जाएगा।
सिर्फ 24 साल के इस तेज़ गेंदबाज़ ने नवंबर 2024 में एक ही पारी में 10 विकेट (10/49) लेकर इतिहास रच दिया।
कांबोज का जन्म करनाल (हरियाणा) में हुआ और वो शुरू से अपनी सटीक लाइन-लेंथ और तेज़ स्विंग के लिए जाने जाते रहे हैं।
इस सीज़न में उन्होंने केवल 5 मैचों में 29 विकेट चटकाए हैं, वह भी सिर्फ 11.75 के शानदार औसत से।
उनकी इकोनॉमी दर 2.5 रन प्रति ओवर से भी कम रही — जो किसी भी तेज़ गेंदबाज़ के लिए काबिले तारीफ है।
उनका स्ट्राइक रेट (हर विकेट लेने में लगे गेंदों की संख्या) 27.51 रहा, जो रणजी के इतिहास में बेहतरीन में से एक है।
प्रमुख प्रदर्शन:
- केरल के खिलाफ: 10/49 (पूरा मैच पलट दिया)
- कर्नाटक के खिलाफ: 4/32 और 3/40
- उत्तराखंड के खिलाफ: 4/22
अनशुल का कहना है कि उनका लक्ष्य “हर मैच में खुद को बेहतर साबित करना” है। कुछ IPL मैचों में पहले ही खेल चुके कांबोज को अब भारतीय टीम के भविष्य के तेज़ गेंदबाज़ों में गिना जाने लगा है।
2. सूरज सिंधु जैस्वाल (बंगाल) — ऑलराउंड टैलेंट जिसने पंजाब को हराया
बंगाल के सूरज सिंधु जैस्वाल ने इस सीज़न साबित किया है कि वो न सिर्फ़ एक शानदार गेंदबाज़ हैं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर बल्ले से भी टीम को बचा सकते हैं।
25 वर्षीय जैस्वाल ने इस सीज़न में 6 मैचों में 29 विकेट हासिल किए हैं, औसत 17.96 और स्ट्राइक रेट 35 के साथ।
उनकी लेफ्ट-आर्म स्पिन और गेंद पर विविधता ने बड़े-बड़े बल्लेबाज़ों को परेशान किया।
लेकिन सबसे दिलचस्प पल वो था जब उन्होंने पंजाब के खिलाफ शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन किया —
दोनों पारियों में चार-चार विकेट लेने के साथ उन्होंने 111 रन की शतकीय पारी खेली और टीम को रोमांचक जीत दिलाई।
उल्लेखनीय प्रदर्शन:
- हरियाणा के खिलाफ: 6/46 और 5/92
- पंजाब के खिलाफ: 4/68, 4/69 और 111 रन
- कर्नाटक के खिलाफ: 3/65 और 3/27
उनकी पहली पारी में हरियाणा के बल्लेबाज़ों को 157 पर समेटने की स्पेल अब भी चर्चा में है।
हालांकि टीम उस मैच में हार गई, लेकिन जैस्वाल के प्रदर्शन ने सभी को प्रभावित किया।
फिलहाल उन्होंने कोई फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट नहीं खेला है, लेकिन जिस तरह वो लगातार विकेट झटक रहे हैं, आने वाले IPL सीज़न में उनका नाम चर्चा में रहना तय है।
3. हर्ष दुबे (विदर्भ) — स्पिन के नए बादशाह
अगर इस सीज़न की विकेट्स टेबल देखें तो सबसे ऊपर है विदर्भ का यह 22 वर्षीय स्पिनर — हर्ष दुबे।
लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर दुबे ने इस सीज़न में अब तक 55 विकेट झटके हैं, औसत सिर्फ़ 14.50 का।
उनका नियंत्रण, टर्न और बल्लेबाज़ों को फँसाने की समझ अद्भुत है।
हिमाचल प्रदेश के खिलाफ उन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी 6/36 की और पूरा मैच अकेले अपने दम पर जीता।
प्रमुख प्रदर्शन:
- हिमाचल प्रदेश के खिलाफ: 6/36 और मैच में कुल 10 विकेट
- हैदराबाद के खिलाफ: पहली पारी में 2 विकेट, दूसरी में घातक 6/57
- राजस्थान के खिलाफ: दोनों पारियों में 5 विकेट
हिमाचल के खिलाफ जीत में उनका रोल निर्णायक रहा — विदर्भ ने एक पारी और 88 रनों से जीत दर्ज की।
दुबे की खासियत यह है कि वे लंबे स्पेल फेंक सकते हैं और दबाव में भी लय नहीं खोते।
उनकी स्पिन में रविंद्र जडेजा जैसी सटीकता और युजवेंद्र चहल जैसी फिनिशिंग झलकती है।
ऐसे प्रदर्शन के बाद ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत को अगला बड़ा स्पिनर मिल गया है।
4. महेश पिठिया (बड़ौदा) — “अश्विन जूनियर” की घातक गेंदबाज़ी
महेश पिठिया — नाम तो सुना ही होगा।
जब 2023 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर आई थी, तब पिठिया को नेट बॉलर के रूप में चुना गया था क्योंकि उनकी गेंदबाज़ी शैली रविचंद्रन अश्विन से मिलती-जुलती है।
और इस सीज़न में उन्होंने दिखा दिया कि यह तुलना व्यर्थ नहीं थी।
23 वर्षीय पिठिया ने रणजी 2024-25 में अब तक 38 विकेट लिए हैं, औसत 20 के आसपास रहा।
वो जम्मू-कश्मीर के औक़िब नबी के साथ संयुक्त रूप से दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं।
उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन:
- मेघालय के खिलाफ: 6/25 और 3/56 — टीम को एक पारी और 261 रनों से जीत दिलाई
उनकी स्पिन ने बल्लेबाज़ों को उलझा कर रख दिया।
मेघालय के खिलाफ उन्होंने करियर की बेस्ट बॉलिंग करते हुए 9 विकेट झटके और विपक्ष को तहस-नहस कर दिया।
पिठिया की गेंदबाज़ी में बदलाव, वैरिएशन और मानसिक मजबूती सब कुछ है।
उनकी उम्र कम है लेकिन परिपक्वता काबिले तारीफ।
अगर उन्हें सही दिशा और मौका मिला तो आने वाले वर्षों में वो भारत के प्रमुख स्पिनरों में गिने जा सकते हैं।
5. सिद्धार्थ देसाई (गुजरात) — एक पारी में 9 विकेट, बना नया इतिहास
गुजरात के युवा स्पिनर सिद्धार्थ देसाई ने इस सीज़न में इतिहास रचा है।
24 वर्षीय इस खिलाड़ी ने उत्तराखंड के खिलाफ 9/26 लेकर गुजरात क्रिकेट के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी रिकॉर्ड बना डाला!
इससे पहले 2012 में राकेश ध्रुव का 8/31 का रिकॉर्ड था — देसाई ने उसे पीछे छोड़ दिया।
इस सीज़न में उन्होंने 7 मैचों में 33 विकेट लिए हैं, औसत 23.06 पर।
उनकी गेंदबाज़ी में सटीकता और निरंतरता दोनों हैं — जो उन्हें बेहद ख़ास बनाती है।
खास आंकड़े:
- उत्तराखंड के खिलाफ: 9/26 (करियर बेस्ट और गुजरात रिकॉर्ड)
- हिमाचल के खिलाफ: 4/44 (अंतिम पारी में पूरी टीम समेट दी)
देसाई की लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिन बल्लेबाज़ों के लिए पहेली बन गई है।
गेंद हवा में धीमी, लेकिन पिच पर गिरते ही रफ़्तार पकड़ती है — बल्लेबाज़ अक्सर बीट हो जाते हैं।
उनके प्रदर्शन ने न सिर्फ़ गुजरात बल्कि पूरे घरेलू क्रिकेट जगत को चौंका दिया।
भारत का गेंदबाज़ी भविष्य बेहद उज्ज्वल
रणजी ट्रॉफी 2024-25 का यह सीज़न हमें ये सिखा रहा है कि भारत में टैलेंट की कोई कमी नहीं।
जहाँ एक ओर बल्लेबाज़ी में कई सितारे उभर रहे हैं, वहीं गेंदबाज़ी में ये पांच खिलाड़ी भविष्य के सुपरस्टार हैं।
| खिलाड़ी | टीम | विकेट | औसत | प्रमुख प्रदर्शन |
|---|---|---|---|---|
| अनशुल कांबोज | हरियाणा | 29 | 11.75 | 10/49 (केरल) |
| सूरज जैस्वाल | बंगाल | 29 | 17.96 | 6/46 (हरियाणा) |
| हर्ष दुबे | विदर्भ | 55 | 14.50 | 6/36 (हिमाचल) |
| महेश पिठिया | बड़ौदा | 38 | 20.00 | 6/25 (मेघालय) |
| सिद्धार्थ देसाई | गुजरात | 33 | 23.06 | 9/26 (उत्तराखंड) |
इन पांचों ने न केवल विकेट लिए हैं, बल्कि अपने-अपने राज्यों को मैच जिताए हैं।
इनकी निरंतरता, आत्मविश्वास और परिपक्वता दिखाती है कि आने वाले वर्षों में भारत की बॉलिंग लाइनअप और मज़बूत होगी।
आगे क्या?
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि इन खिलाड़ियों में से कुछ को जल्द ही भारत A टीम या IPL में जगह मिल सकती है।
विशेषकर हर्ष दुबे और अनशुल कांबोज जैसे खिलाड़ी पहले से चयनकर्ताओं की निगाह में हैं।
अगर इनका यही प्रदर्शन जारी रहा, तो निकट भविष्य में ये खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम की जर्सी में दिख सकते हैं।
संक्षेप में:
रणजी ट्रॉफी 2024-25 का यह सीज़न भारतीय क्रिकेट में एक नई गेंदबाज़ी पीढ़ी के जन्म का गवाह बन गया है।
अनुभवी बल्लेबाज़ों को परेशान करने वाले ये नए सितारे अब बस अंतरराष्ट्रीय मंच की ओर कदम बढ़ाने को तैयार हैं।



